लेखनी कहानी -07-Feb-2023-रोचक बाल कहानियाँ
9)बरसात पैसों की
अरे तनेजा जी!...ये क्या?...मैँने सुना है कि आपकी पत्नि ने आपके ऊपर वित्तीय हिंसा का केस डाल दिया है....
हाँ यार!...सही सुना है तुमने मैँने लम्बी साँस लेते हुए कहा
आखिर ऐसा हुआ क्या कि नौबत कोर्ट-कचहरी तक की आ गई?...
यार!...होना क्या था?..एक दिन बीवी प्यार ही प्यार में मुझसे कहने लगी कि तुम्हें तो ऐसी होनहार....सुन्दर....सुघड़ और घरेलू पत्नि मिली है कि तुम्हें खुश हो कर मुझ पर पैसों की बरसात करनी चाहिए...
तो?...
'मैँने कहा ठीक है...
फिर?...
फिर क्या?...एक दिन जैसे ही मैँने देखा कि बीवी नीचे खड़ी सब्ज़ी खरीद रही है...मैँने आव देखा ना ताव और सीधा निशाना साध सिक्कों से भरी पोटली उसके सर पे दे मारी...